सालभर जो पढ़ा, सफलता के लिए उसे करें रिवाइज
आॅल इंडिया लेवल पर एम्स का एग्जाम टफ माना जाता है, जबकि वास्तविक रूप से ये एक डिफरेंट एग्जाम है कारण 60 Assertion&Reason तथा 10 GK व 10 general aptitude questions हालांकि इसमें अच्छे conceptual questions भी पूछे जाते हैं।
- कोई भी नया कंटेंट पढ़ने की कोशिश करने के बजाय, वही रिवाइज करे, जो आपने सालभर पढ़ा है। एम्स का पेपर संपूर्णतया एनसीईआरटी आधारित होता है, इसलिए कुछ नया टाॅपिक भी पढ़ना हो तो एनसीईआरटी से ही पढ़े।
- जनरल नाॅलेज पर अपना समय खराब न करें, GK कभी भी एम्स में रैंक को ज्यादा प्रभावित नहीं करता। फिर भी पढ़ना चाहें तो इस साल के नोबल प्राइज विनर्स के बारे में तथा रिसेंट डिस्कवरीज़ के बारे में पढ़े। जनरल नाॅलेज के बजाय general aptitude questions की प्रैक्टिस करें, इसमें आप थोड़ी मेहनत से पूछे जाने वाले सभी 10 questions सही कर सकते हैं।
- एम्स में नेगेटिव मार्किंग ⅓ है, इसलिए ज्यादा questions अटैंप्ट न करें। अपनी रेंज 140.150 के बीच रखे, रैंक लाने के लिए इतने questions करना काफी होता है। नीट एग्जाम क्लीयर हुआ है या नहीं की बातों पर ध्यान लगाने के बजाय पढ़ाई पर लगाएं, क्योंकि ये 12.15 दिन ही निर्धारित करेंगे कि आप एम्स में सेलेक्ट होंगे या नहीं।
- Assertion&Reason type questions को साॅल्व करते समय सिर्फ Assertion पढ़ें तथा रीजन खुद सोचने की कोशिश करें, उसके बाद ही रीजन पढ़े, इससे आप ज्यादातर questions सही कर पाएंगे।
- सबसे जरूरी बात है इस महीनेभर तक नाॅलेज को सस्टेन करना, उसके लिए आप लगातार एम्स तथा एआईपीएमटी प्रीवियस इयर्स के पेपर्स साॅल्व करते रहे|
- Assertion&Reason type questions के लिए एनसीआईआरटी की वे सभी लाइन ध्यान से पढ़ें जो ‘But’, ‘due to’, and ‘that’s why’ के साथ शुरू होती है।
- अगर आपका नीट का एग्जाम सही नहीं हुआ है तो ऐसा न सोचें कि एम्स भी बेकार होगा। कई बार बहुत सारे स्टूडेंट्स नीट की बजाय एम्स में काफी अच्छा स्कोर करते हैं।